Friday 30 December 2016

                         हम एक साथ
गीतों को तुम गुनगुनाते चलो
सुंदर पवन बहाते  चलो
विचारों की दुनिया बढ़ाते  चलो
भक्ति की गंगा बहाते चलो
मिलजुल चलो ,
मिलकर बढ़ो
स्नेह की गंगा बहाते चलो
अनुराग आंचल फैलाते  चलो
गीतों को तुम गुनगुनाते चलो
                              डा स्नेह गौर